महारानी भीमा देवी अर्कवंशी
महाराजा इक्ष्वाकु के ही कुल में सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र ने जन्म लिया था और उन्होंने अपना सम्पूर्ण राजपाट विश्वामित्र को दान में दे दिया था। ऐसी ही घटना इसी कुल में पुनः घटी जब अर्कवंश के महाराजा गोविंद चंद्र अर्कवंशी ने इंद्रप्रस्थ पर २१ वर्ष ७ माह एवम् १२ दिवस तक शासन किया, परन्तु महाराजा गोविंद चंद्र अर्कवंशी की मृत्यु हो जाने के पश्चात उनकी पत्नी महारानी भीमा देवी ने अपना समस्त साम्राज्य अपने आध्यात्मिक गुरु हरगोविंद को दान में दे दिया और इस प्रकार से उन्होंने अपने कुल की दान धर्म की परंपरा का निर्वाहन किया।
== इंद्रप्रस्थ (दिल्ली) पर अर्कवंशी महाराजाओं का शासन ==
महाराजा त्रिलोकचंद्र अर्कवंशी जोकि उत्तर प्रदेश के बहराइच में शासन करते थे। इसी अर्कवंश में जन्में महाराजा त्रिलोकचंद्र अर्कवंशी ने अपनी विशाल सेना लेकर समकालीन समय में इंद्रप्रस्थ (दिल्ली) पर शासन कर रहे राजा विक्रमपाल को हराकर इंद्रप्रस्थ (दिल्ली) पर अर्कवंश के शासन की ध्वजा फहराई। जिसके फलस्वरूप महाराजा त्रिलोकचंद्र अर्कवंशी की ९ पीढ़ियों ने इंद्रप्रस्थ (दिल्ली) पर अपना शासन दृढ़ता के साथ स्थापित किया। जोकि इस प्रकार से हैं जिनका वर्णन हम आगे करने जा रहे हैं-
========शासक========
1. महाराजा त्रिलोकचंद्र अर्कवंशी
2. महाराजा विक्रम चंद्र अर्कवंशी
3. महाराजा मानक चंद्र अर्कवंशी
4. महाराजा रामचंद्र अर्कवंशी
5. महाराजा हरिचंद्र अर्कवंशी
6. महाराजा कल्याणचंद्र अर्कवंशी
7. महाराजा भीमचंद्र अर्कवंशी
8. महाराजा लोकचंद्र अर्कवंशी
9. महाराजा गोविंदचंद्र अर्कवंशी
10. महारानी भीमा देवी अर्कवंशी
======== अर्कवंशम् ========